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मया बिन जग अँधियार / पीसी लाल यादव

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चिरई चींव-चींव बोले, हाँ बोले रे, मया बिना जग अँधियार
हाँस ले, गा ले, मन ल मिला ले, जिनगी के हवे दिन चार

कोनो नई देखय तोर धन-दोगानी ल।
महल-देऊर, खेत-खार, परवा छानी ल॥
मयारू मन सुरता राखे गरतर बानी ल
चिरई चींव चींव....

अंजोर हवय जइसे संगी तेल बाती दिया ले,
पिरित के गोठ संगी ससन भर गोठिया ले।
मया हे अमोल मया ल जिनगी म मोलिया ले
चिरई चींव चींव....

जुग-जुग ले हवय जग में मया के मान
पिरित बिन जनम बिरथा दुनिया बिरान।
मया तुलसी के दोहा, कबीर मीरा के गियान
चिरई चींव चींव....