भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

मेरा जीवन / ईहातीत क्षण / मृदुल कीर्ति

Kavita Kosh से
Pratishtha (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 08:19, 20 अगस्त 2008 का अवतरण (New page: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मृदुल कीर्ति |संग्रह = ईहातीत क्षण / मृदुल कीर्ति }} <poem> आ...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

आगत और अनागत की अंधी दीवारें
जिनका अतीत कटु,
वर्तमान नीरस,
और भविष्य खो गया है.
अतः
इह मेरा है ,
पूर्ण अनुत्तर
ईहातीत को किसने जाना.