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दीवाली / राजकिशोर सिंह

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आज दिवाली आयी है
घर-घर ज्योति जलायी है
चम-चम चमके मेरा घर
हर जन मन ऽुशहाली है

कुटियों से कोठियों तक
दीपशिऽा की लाली है
तम की छाती पर प्रकाश
दिऽ रहा बलशाली है
काली कंवली में रजनी
लगती आज मतवाली है

लक्ष्मी घर दरिद्र बाहर
सबने पहेली गायी है
शुभ दिवाली कह आपस में
मन की प्रीति जगायी है।