भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

अमर वाणी / पद्मजा बाजपेयी

Kavita Kosh से
सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 00:06, 15 फ़रवरी 2020 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=पद्मजा बाजपेयी |अनुवादक= |संग्रह=...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

भारत की अमर वाणी, हिन्दी है सबने मानी,
बारह स्वरों और छतीस व्यंजनो की है कहानी
भारत की अमर वाणी...1
कविता, निबंध, लेखो, नाटक, प्रबंध गीतों,
गीता, पुराण, वेदों, गुरुग्रंथ साहिब, कुरान वाली,
भारत की अमर वाणी...2
कन्या का हर संदेशा, हिमवान तक ले जाती,
मणिपुर सुना रहा है, सोमनाथ, आप बीती...
भारत की अमर वाणी...3
हिन्दी ही मान देती, संस्कृत की यह है बेटी
सुन्दर, सुबोध, रोचक, लिपि-देवनागरी की
जन-जन की लाड़ली भारत की अमर वाणी
हिन्दी है सबने मानी...4