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तुम और ईश्वर / अरविन्द भारती
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तुम्हारी पीठ
चीख चीख के
तुम्हारे ऊपर हुए
जुल्म की दास्तान कहती है
मगर तुमने पी लिए आंसू
सी लिए होंठ
सुनो!
तुम में और ईश्वर में
एक समानता है
ना तुम कुछ करते हो
और ना वह।