Last modified on 12 मार्च 2020, at 15:58

टर्रू मेंढक / प्रभुदयाल श्रीवास्तव

सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:58, 12 मार्च 2020 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=प्रभुदयाल श्रीवास्तव |अनुवादक= |स...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

पड़ा तमाचा मछली का तो,
टर्रू मेंढक भाग
दौड़ी मछली पीछे-पीछे,
टर्रू भाई आगे।

कूद-फांदकर कैसे भी वह,
जल से बाहर आए।
नदी किनारे की बालू पर,
बहुत देर सुस्ताए।

मछली अगर उछलती जल में,
टर्रूजी चिल्लाते।
आओ मच्छो जल के बाहर,
तुमको मजा चखाते।