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तू / मौरिस करेम / अनिल जनविजय
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तू रोटी है मेरी
इससे ज़्यादा मज़ेदार कहीं नहीं
हलचल भरे दिनों में
मेरा आराम है तू
मेरी हथेली पर खुदी
मेरी जीवन रेखा है तू
जो लम्बी है दूसरों से
तू मेरा दर्द है
और मेरी
संजीवनी बूटी है
तू मेरा गीत है
रोशनी है मेरी
रक्त है,
मेरी छाती में धड़कता है
दिल जिससे !
रूसी से अनुवाद : अनिल जनविजय