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मौरिस करेम
Kavita Kosh से
मौरिस करेम
जन्म | 12 मई 1899 |
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निधन | 13 जनवरी 1978 |
उपनाम | Maurice Carême |
जन्म स्थान | वाव्र, बेल्जियम |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
माँ (1935), चूहा और बिल्ली, समुद्री किला, छठा दिन, गुलाबी जिराफ़ आदि पचास से ज़्यादा कविता-संग्रह प्रकाशित। | |
विविध | |
बेल्जियम के फ़्रांसीसी भाषी कवि। 15 वर्ष की उम्र में अपनी पहली प्रिया बेर्था डेट्री के लिए कविताएँ लिखना शुरू किया। फिर सारा जीवन कविताएँ लिखते रहे। 29 वर्ष की उम्र में बेर्था से मनमुटाव। बेर्था को छोड़कर मौरिस करेम ब्रुसेल्स के एक उपनगर में आकर रहने लगे। 1919 में ’हमारे युवा’ (Nos Jeunes) नामक साहित्यिक पत्रिका की शुरुआत। फिर 1920 में उसका नाम बदलकर ’स्वतन्त्र पत्रिका’ (La Revue indépendante) कर दिया। बीसवीं सदी के फ़्रांसीसी भाषा के एक बड़े कवि माने जाते हैं। फ़्रांसीसी भाषा में सबसे पहल्र करेम ने ही बच्चों के लिए कविताएँ लिखीं। ’बाल कविता’ के प्रसिद्ध कवि, जिनकी बाल कविताओं के अनुवाद दुनिया भर की भाषाओं में हुए। लेकिन वयस्कों के लिए भी बड़ी संख्या में कविताएँ लिखीं। हिन्दी में पहली बार कविता कोश द्वारा प्रस्तुत। | |
जीवन परिचय | |
मौरिस करेम / परिचय |
कुछ प्रतिनिधि रचनाएँ
- दयालुता / मौरिस करेम / अनिल जनविजय
- कुहरा / मौरिस करेम / अनिल जनविजय
- अगन-पंछी / मौरिस करेम / अनिल जनविजय
- तू / मौरिस करेम / अनिल जनविजय
- टूटी हुई चोंचें / मौरिस करेम / अनिल जनविजय
- धूप और बिल्ली / मौरिस करेम / अनिल जनविजय
- बँटवारा / मौरिस करेम / अनिल जनविजय
- लालटेनों का समय / मौरिस करेम / अनिल जनविजय
- छतों पर घूम रही गर्मियों की धूप / मौरिस करेम / अनिल जनविजय
- बेहद नज़दीक थी वो उनके / मौरिस करेम / अनिल जनविजय
- उनका जीवन / मौरिस करेम / अनिल जनविजय
- चारों ओर आकाश है / मौरिस करेम / अनिल जनविजय
- सैनिक / मौरिस करेम / अनिल जनविजय
- युद्ध का खेल / मौरिस करेम / अनिल जनविजय