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बिल्ली मौसी का ब्याह / मुस्कान / रंजना वर्मा

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बनी दुल्हनियाँ सज धज कर
बैठी थी बिल्ली रानी।
लहँगा लाल गुलाबी अँगिया
पहन चुनरिया धानी।

जूड़े में बेला के गजरे
आँख में काजल रेखा।
ठगे रह गये बिल्ले मौसा
जब मौसी को देखा।

खुशी खुशी लोमड़ पंडित ने
उनका ब्याह कराया।
तभी कहीं से दौड़ा दौड़ा
डब्बू कुत्ता आया॥

हुआ रंग में भंग मनाते
थे सब अपनी ख़ैर।
बिल्ली मौसी झटपट भागी
रख कर सिर पर पैर॥