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इस तरह तुम न आंसू बहाया करो / रंजना वर्मा

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इस तरह तुम न आँसू बहाया करो।
बेवजह भी कभी मुस्कुराया करो॥

एक मुस्कान देती कई दिल खिला
गम भरे इस जहाँ को हँसाया करो॥

जब अँधेरे में कुछ भी दिखायी न दे
इक दिया आस का भी जलाया करो॥

नाव मंझधार में डोलने जब लगे
हाथ पतवार हरि के थमाया करो॥

आसरा श्याम के नाम का जब लिया
उलझनें पीर सब भूल जाया करो॥