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कर लें अम्बे माँ के फेरे / रंजना वर्मा

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कर लें अम्बे माँ के फेरे।
मिट जायेंगे घोर अँधेरे॥

तम भागेगा आँख चुराकर
हो जायें अलमस्त सवेरे॥

दृष्टि कृपा कि कर देंगी माँ
कट जायें सब पाप घनेरे॥

बरसाते हैं सुख की धारा
प्यार भरे माँ नयना तेरे॥

मैया कि करुणा मिल जाये
तब छूटें जन्मों के फेरे॥