भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
मेरी गुड़िया प्यारी दुल्हन / लक्ष्मी खन्ना सुमन
Kavita Kosh से
सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 22:36, 5 अप्रैल 2020 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=लक्ष्मी खन्ना सुमन |अनुवादक= |संग...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
सज धज बैठी नन्ही दुल्हन
मेरी गुड़िया प्यारी दुल्हन
चोली इसकी नई सिलाई
है लहँगे में खूब कढ़ाई
चूड़ी बाली, पायल पहने
कितने सुंदर इसके गहने
पालिश, पाउडर, बिंदिया, लाली
मेहँदी इस पर सजी निराली
शैंपू से ये बाल धुलाए
साबुन खुशबूदार लगाए
सेंडिल ऊँची एड़ी वाले
बुरी नजर न कोई डाले
समय विदाई का जब आया
रो-रो कैसा हाल बनाया
दूल्हे राजा इसे संभालो
सजी कार में इसे बैठा लो