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चिड़ियों का गाना / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ
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छोटी और बड़ी सब चिड़ियाँ
डाल डाल पर डोल रही
'चींचीं' के स्वर में कुछ कहतीं
आपस में ही बोल रहीं
हुआ सवेरा लेकिन बहनों
इस घर में सब सोये हैं
बिस्तर में ही पड़े हुये हैं
सपनों में ही खोये हैं
हमने बहुत जगाया लेकिन
कोई भी आवाज नहीं
रोहित को पढ़ने जाना है
लेकिन अब तक जगा नहीं
फिर सबने मिलकर ज़ोरों से
अपना मीठा गीत सुनाया
सुनकर गाना रोहित बेटा
बिस्तर से झट उठकर आया