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म दुलही बनेर / गीता त्रिपाठी

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म दुलही बनेर घुम्टोले सजिई
प्रतीक्षा तिम्रो गरिरहेँ त्यो साँझ
मेरा दुलाहा राजा बनी तिमी आयौ
बाजा र डोले जन्तीको माझ
 
ओभानो सिउँदो सिन्दुर छरेर
चुरा र पोते सितारा सजाई
म तिम्रो बाचा तिमी मेरो बाचा
घुम्यौँ अग्नि साक्षी आँचल समाई
 
कति शुभेच्छाका सौगातहरूमा
भुलेर आफ्ना र स्वयम् आफूलाई
म तिम्रो जीवनमा समाहित भएर
आएको छु सुन्दर सपना सजाई