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तुम तो बोलो / शतदल

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मैंने कहा
दृगों से अपने
अधर मौन हैं
तुम तो बोलो ।

वैसे आँखों,
अधरों में
कोई भी अनुबन्ध नहीं है
मन लेकिन
कह सका न इनसे
मेरा कुछ सम्बन्ध नहीं है ।

ऐसे में
कोई यह बोला
मेरे बन्द
किवाड़ न खोलो ।