Last modified on 24 मई 2020, at 16:13

कैफ़े कापरी / वोल्फ़ वोन्द्राचेक / उज्ज्वल भट्टाचार्य

अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 16:13, 24 मई 2020 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=वोल्फ़ वोन्द्राचेक |अनुवादक=उज्...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

अन्ना कहती है
अब कोई मर्द नहीं रह गया है,
जो मुझमें किसी तरह जोश ला सके;
मुझे मर्दों की सिर्फ़ एक क़िस्म का पता है –
ऐसा बन्दा, जो बकवास करता रहता है,
जब तक वो आख़िरकार बिस्तर पर न पटक सके ।

मुझे तुम्हारी ज़रूरत है
मैं हवा में लटकती हूँ
और तुम उड़ सकते हो

अन्ना कहती है
सबकुछ बिल्कुल ख़ाली है,
मैं कुछ भी महसूस नहीं करती हूँ;
सोचती हूँ किसी गाड़ी के नीचे आ जाऊँ –
बस मज़ा लेने के लिये, यह जानने के लिए,
मुझे कोई अहसास होता है या नहीं.

मुझे तुम्हारी ज़रूरत है
मैं हवा में लटकती हूँ
और तुम उड़ सकते हो

अन्ना कहती है
मुझे ख़ुद से प्यार है
और नफ़रत है
पता नहीं क्या है –
मुझे लगता है सड़क जाम के बीच
मैं एक अन्तरिक्ष यान हूँ ।

मुझे तुम्हारी ज़रूरत है
मैं हवा में लटकी हुई हूँ
और तुम उड़ सकते हो ।

मूल जर्मन से अनुवाद : उज्ज्वल भट्टाचार्य