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आपका लाजवाब है जीवन / कैलाश झा 'किंकर'
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आपका लाजवाब है जीवन
गंग-यमुना का आब है जीवन।
कोसिए मत किसी के जीवन को
इसमें होता ख़राब है जीवन।
जो हक़ीक़त में आज भी ज़िन्दा
मान लूँ कैसे ख़्वाब है जीवन।
कुछ न रखता छुपा-छुपा कर मैं
इसलिए लाजवाब है जीवन।
बालपन और यह बुढ़ापा क्या
सबसे अच्छा शबाब है जीवन।
हाथ पड़ता पसारना हज़रत
होता जब बेहिसाब है जीवन