भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

कैंसर / पूजा प्रियम्वदा

Kavita Kosh से
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 09:22, 27 अगस्त 2020 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=पूजा प्रियम्वदा |अनुवादक= |संग्रह...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

हिन्दी शब्दों के अर्थ उपलब्ध हैं। शब्द पर डबल क्लिक करें। अन्य शब्दों पर कार्य जारी है।

हड्डियों के बहुत नीचे
नसों से कहीं गहरे
धमनियों में दौड़ते खून से
बहुत गहरा लाल
अतीत का एक थक्का जमा है
डॉक्टर डरता है
कैंसर बन गया तो
मैं कहती हूँ जाओ
तुम्हारी मशीनें न समझेंगी
रूह के नासूर