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सूरज से जो भागे तो था साया आगे / रमेश तन्हा
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सूरज से जो भागे तो था साया आगे
साया भी समिटता गया ज्यों ज्यों आगे
ठहरे, ज़रा सोचा तो ये इरफान हुआ
जो जान के सोया हो वो कैसे जागे।