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नन्हा-सा दीया / सुरेश विमल
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खूब अंधेरे से लड़ता है
मिट्टी का नन्हा-सा दीया
बात उजाले की रखता है
मिट्टी का नन्हा-सा दीया
घर-घर दिवाली करता है
मिट्टी का नन्हा-सा दीया
आंखों में अमृत भरता है
मिट्टी का नन्हा-सा दीया
शांत चित्त होकर जलता है
मिट्टी का नन्हा-सा दीया
कष्ट झेल कर मुस्कुराता है
मिट्टी का नन्हा-सा दीया।