भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

पापा ला दो ऐसा रॉकेट / प्रकाश मनु

Kavita Kosh से
सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 23:21, 6 अक्टूबर 2020 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=प्रकाश मनु |अनुवादक= |संग्रह=चुनम...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

पापा ला दो ऐसा रॉकेट,
जिसको छूम छनन-छन कह दूँ,
तो सीधा अंबर तक जाए
चंदा मामा को छू आए।

चंदा मामा की वह चिट्ठी
झटपट-झटपट लेकर आए,
जिसे सुनाऊँ सब बच्चों को
सुनकर सबका दिल खिल जाए।

पापा, ला दो ऐसा रॉकेट,
जो उड़ जाए झटपट-झटपट।