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दो पैसे / प्रकाश मनु

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दो पैसे में केले खाए
दो पैसे में बिस्कुट,
दो पैसे में सर्कस देखा
मुर्गा नाचा टुट-टुट।

दो पैसे में पेडे़ लाए
दो पैसे में टिक्की,
दो पैसे में ढेर खिलौने
गुड़िया हक्की-बक्की।

शायद थे वे जादू वाले
दो पैसे कुछ ऐसे,
दुनिया घूम-घामकर आए
बचे मगर दो पैसे!