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गौरव / बैर्तोल्त ब्रेष्त / मोहन थपलियाल
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अमरीकी सिपाही ने
जब मुझसे कहा
कि खाते-पीते मध्यवर्ग की
जर्मन लड़कियाँ
तम्बाकू के बदले और निम्न मध्यवर्ग की
चाकलेट के बदले में
ख़रीदी जा सकती हैं,
लेकिन
भूख से तड़पते
रूसी मज़दूर
कभी नहीं ख़रीदे जा सकते,
तो
मुझे
गौरव
महसूस हुआ।
(1941-47)
मूल जर्मन भाषा से अनुवाद : मोहन थपलियाल