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मन के अंदर गुबार क्यों रखना / जहीर कुरैशी
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मन के अंदर गुबार क्यों रखना
आँधियों-से विचार क्यों रखना
जो लिया आज कल चुका देंगे
जिंदगी भर उधार क्यों रखना
प्यार के मौन को जुबान भी दे
सात पर्दों में प्यार क्यों रखना
हम उजाले में बात करते हैं
इसलिए अंधकार क्यों रखना
आप उत्तर भी दीजिए, साहब—
घर में पीछे से द्वार क्यों रखना?
ले दवा और उसको चलता कर
चार हफ़्ते बुखार क्यों रखना
एक,दो तीन,चार, पाँच सही
सैंकड़ों दोस्त-यार क्यों रखना?