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काला राक्षस-15 / तुषार धवल
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कहाँ है आदमी ?
यह नरमुंडों का देश है
डार्विन की अगली सीढ़ी --
प्रति मानव
सबके चेहरे सपाट
चिंतन की क्षमताएं क्षीण
आखें सम्मोहित मूर्छा में तनी हुई
दौड़ते दौड़ते पैरों में खुर निकल आया है
कहाँ है आदमी ?
प्रति मानव !