भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
घृणा / राजेश कमल
Kavita Kosh से
सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 00:20, 6 फ़रवरी 2021 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=राजेश कमल |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatKavita...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
सबसे पहले तो मनुष्य ही आए होंगे
प्रेम भी उनके साथ ही आया होगा
फिर मनुष्य ने ईश्वर का निर्माण किया होगा
फिर धर्म आया होगा,
जातियाँ आयीं होंगी
पंडित, मुल्ला आये होंगें होंगे,
मंदिर, मस्जिद, गिरजा, गुरुद्वारे आए होंगे
धर्मग्रंथ आये होंगे
मैं जानना चाहता हूँ कि घृणा कब आयी
मनुष्य के साथ
या इतने निर्माणों के बाद।