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युध्ह में प्रेमिका की अपील / राजेश कमल
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मुझे वहाँ ले चलो
जहाँ
चुम्बनों में
बारूद की बू न आती हो
मुझे वहाँ ले चलो
जहाँ
तेरी सांसो की आहट
बातार्रन्नुम सुने दे
मुझे वहाँ ले चलो
जहाँ
तेरे बाँहों की मछलियाँ नाच-नाच जाति हों