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मक्के की रोटी / राजेश कमल

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मक्के की रोटी खाते वक़्त
सरसों का साग नहीं याद आता
नानी की हथेलियाँ याद आतीं हैं
नानी की रोटियों में
आशीष भरे हाथों की महक
नानी की रोटियों में
मिटटी की खुशबू
नानी की रोटियों में
अमृत का स्वाद
नानी की रोटियों में
मेरे उम्र की लहक
वाह
मक्के की रोटियां
याने बर्षों के बाद
नानी की याद