भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

गधा / वास्को पोपा / सोमदत्त

Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 18:18, 1 मार्च 2021 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=वास्को पोपा |अनुवादक=सोमदत्त |संग...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

कभी कभार हिनहिनाता है
लोटता है धूल में
कभी-कभी
तब आपका ध्यान उसपे जाता है

नहीं तो
आप महज उसके कान देखते हैं
पृथ्वी के सिरे पे

लेकिन वह वहाँ नहीं है

अँग्रेज़ी से अनुवाद : सोमदत्त