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सत्य ही जब कहानी लगे / जहीर कुरैशी

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सत्य ही जब कहानी लगे
तब तो गूँगा भी ज्ञानी लगे

आज के लोक—व्यवहार में
कुछ अधिक सावधानी लगे

काले पैसे को दिल खोल कर
देने वाला ही ‘दानी’ लगे

उस जगह नाग भी आएँगे
जिस जगह रातरानी लगे

कुछ तो संयम से उपयोग कर
तन की चादर पुरानी लगे

प्यास बुझती नही ओस से
प्यास को सिर्फ पानी लगे

राजनैतिक हुई इसलिए
व्यर्थ संतों की बानी लगे