अच्छे लड़के / गीता शर्मा बित्थारिया
मन्नत के रंगीन धागे
रेशम की मजबूत डोर
रक्षा सूत्र में बंधा विश्वास
स्त्री का चिर याचित प्रेम
पूजा के रंगीन कलावे से
होते हैं अच्छे लड़के
किसी की उम्मीदों के रंग
किसी के सपनों के पंख
किसी की कविताओं में छंद
किसी निर्जला व्रत का जल
स्त्री हृदय के प्रियतम पात्र
होते हैं अच्छे लड़के
वो कभी विसारते नहीं है
दादी नानी के दिए संस्कार
मां के पल्लू में बंधा प्यार
बहन का सहोदर साथ
पत्नी का सप्तपदी में थामा हाथ
बेटी के सपनों की उड़ान
प्रेमिका से किए वादे
और स्त्री को सम्मान
सर्द रात में जलता हुआ अलाव
होते हैं अच्छे लड़के
अपनी पसंदीदा किताब पढ़ती
कविताएं कहानयां लिखती
पसंदीदा परिधान में सजती
घर आंगन सजाती संभालती
घर पर उसके नाम की तख्ती लगाते
स्त्री के बेहद करीब
गरमागरम चाय का कप
होते हैं अच्छे लड़के
वो जान लेते हैं किसी
टूटे परित्यक्त रिश्ते का दर्द
वो पढ़ लेते हैं किसी
वैधव्य का सूना ऐकाकीपन
वो देख पाते हैं किसी
शापित देह में बसी पवित्रता
वो ना जाने कैसे ढूंढ लेते हैं
तेज़ाब से झुलसे चहरों में सुंदरता
कोमल भावनाओं के भरे
शरद पूनम का चांद
रजस्वला का दर्द
गर्भवती की मितलाई
प्रसविनी की असह्य पीड़ा
स्त्री के हर दर्द हर पीड़ा के
संवेदी साझीदार
अपना हृदय हार कर
जीत लेते कितने स्त्री हृदय
मखमली गुलुबंद से
होते हैं अच्छे लड़के
जब भी स्त्री को
कहीं मिल जाता है
कोई अच्छा लड़का
हृदय में बसा लेती है
उसका स्थायी भाव
फिर रहे किसी के भी साथ
जीती है हमेशा
ऐसे ही लड़के के साथ
सोए कहीं भी
जागती है ऐसे ही
किसी सुखद अनुभूत
अहसास के साथ
अच्छे लड़के होते हैं
उसके अन्तर्मन के इर्द गिर्द
उसके सपनों के आस पास
नरम धूप का गुनगुना सा स्पर्श
होते हैं अच्छे लड़के
कोई कोरी कल्पना
या किसी कहानी के गढ़े पात्र
नहीं है अच्छे लड़के
अच्छे लड़के तो बस
हर बुरे लड़के की
अनुपस्थिति में प्रकट हो जाते हैं
अच्छे लड़के
हर स्त्री ढूंढ रही है
ऐसे ही अच्छे लड़के
नीलाभ प्रेम के अनुग्रही
स्त्री के स्वप्न पुरुष
होते हैं अच्छे लड़के
कितना आसान तो होता
अच्छा लड़का बनना
फिर क्यों नहीं बन जातें हैं
सारे लड़के बस अच्छे लड़के
शायद उन्हें चाहिए होता है
किसी अच्छी लड़की का
निर्बाध साथ
बस किसी चवन्नी से
चलन से बाहर हो रहे हैं
हां मैंने देखे है
ऐसे अच्छे लड़के
डायनोसोर से
विलुप्त नहीं हुए हैं
अभी तक पृथ्वी पर
मिलते है अच्छे लड़के