भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
छलके न बूंदे / अमलेन्दु अस्थाना
Kavita Kosh से
सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 23:45, 30 अगस्त 2021 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अमलेन्दु अस्थाना |अनुवादक= |संग्र...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
छल गइले बदरा बेईमान, छलके न बूंदे,
कारे-कारे मेघवा हो राम, अंखिया है मूंदे,
छल गइले बदरा बेईमान, छलके न बूंदे,
अगिया भेल सूरज अंगनवां में झांके,
व्याकुल भेल मनवा गगनवा में ताके
सखियन संग कइली गुहार, छलके न बूंदे,
छल गइले बदरा बेईमान, छलके न बूंदे,
कारे-कारे मेघवा हो राम, अंखिया है मूंदे,
रामजी के घोड़ा, रामेजी सवारी,
गर्मी से व्याकुल भेल जनता बेचारी
झिमिर-झिमिर भेज फुहार, छलके न बूंदे,
छल गइले बदरा बेईमान, छलके न बूंदे,
कारे-कारे मेघवा हो राम, अंखिया है मूंदे।।