भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

शीर्षक विहीन / मरीने पित्रोस्यान / उदयन वाजपेयी

Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 17:04, 17 अप्रैल 2022 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मरीने पित्रोस्यान |अनुवादक=उदयन...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मेरा हृदय दुखी है
मुझे अपनी माँ
और मेरी अपनी याद आती है

जब मैं इतनी छोटी थी कि
मेरा सिर
हमारी खिड़की तक नहीं पहुँचता था

और मुझे याद है कि
जब मैं छोटी थी बिना किसी कारण
हमेशा उदास रहती थी

वह बिना कारण की उदासी थी
स्थायी और भारी
फिर मैं बड़ी हो गई

अब मेरा दुख स्थायी नहीं है
बीच बीच में
हर्ष के कुछ अन्तराल भी आते हैं

पर अब माँ कहीं भी
खोजे नहीं मिलती
वह स्थायी रूप से
जा चुकी है
 
अँग्रेज़ी से अनुवाद : उदयन वाजपेयी