भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

शान्ति / लैंग्स्टन ह्यूज़ / अमर नदीम

Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:58, 19 अप्रैल 2022 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=लैंग्स्टन ह्यूज़ |अनुवादक=अमर नद...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

हम गुज़रे उनकी क़ब्रों के पास से
वहाँ सिर्फ़ मुर्दे थे
विजयी या पराजित,
कोई फ़र्क नहीं पड़ता था उन्हें ।
उस अन्धेरे में
वे नहीं देख सकते थे
किसको हासिल हुई
जीत !

मूल अँग्रेज़ी से अनुवाद : अमर नदीम
 —
लीजिए, अब यही कविता मूल अँग्रेज़ी में पढ़िए
       Langston Hughes
                 Peace

We passed their graves:
The dead men there,
Winners or losers,
Did not care.
In the dark
They could not see
Who had gained
The victory.

Langston Hughes Saturday, March 27, 2010