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टूटती धार / दिनेश कुमार शुक्ल

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टूटती धार
काँपती है
बहुत पतली धार
पानी की
हवा में-

कि जैसे भीड़ में
खोई हुई बच्ची
पिता को टेरती हो

कि जैसे अनगिनत
संभावनाएँ
चाहकर भी
फलवती
होने न पायें

टूटती है
एक पतली धार
पानी की
हवा में