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राजेन्द्र तिवारी
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राजेन्द्र गौतम
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जन्म | |
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कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
विविध | |
जीवन परिचय | |
राजेन्द्र तिवारी / परिचय |
ग़ज़लें
- ज़िन्दगी में यूँ तो दुश्वारी बहुत है / राजेन्द्र तिवारी
- लोग नाहक जुनून की ख़ातिर / राजेन्द्र तिवारी
- लहू के दाग़ हैं दिल पर खरोच कैसी है / राजेन्द्र तिवारी
- चाहता है कि जाँ निसार करे / राजेन्द्र तिवारी
- सफ़ेदियों की तहों में छुपा सियाह का खेल / राजेन्द्र तिवारी
- सिर्फ़ रफ़्तार है रस्ते पे नज़र है ही नहीं / राजेन्द्र तिवारी
- झूठों के बीच जैसे सच्चाई बोलती है / राजेन्द्र तिवारी
- जरा सोचो, वतन हलकान करके / राजेन्द्र तिवारी
- सबको ग़ज़लों ने, जो दीवाना बना रक्खा है / राजेन्द्र तिवारी
- मुहब्बत तो रिज़ा है इसमें मनमानी नहीं होती / राजेन्द्र तिवारी
- नहीं आया है मौक़ा आ गया तो / राजेन्द्र तिवारी
- इस से बढ़ के दुनिया में बेबसी नहीं होती / राजेन्द्र तिवारी
- शह दी है पियादे ने कोई बात नहीं है / राजेन्द्र तिवारी
- पर्वत के शिखरों से उतरी सज-धज कर अलबेली धूप / राजेन्द्र तिवारी
- बिना लफ़्ज़ों का कोई ख़त पढ़ा क्या / राजेन्द्र तिवारी