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देवनीत
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देवनीत
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जन्म | 23 मार्च 1951 |
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निधन | 25 नवम्बर 2013 |
उपनाम | बलदेव सिंह सिद्धू |
जन्म स्थान | नंगलन गाँव, ज़िला मनसा, पंजाब, भारत |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
पेपरबैक (1996), एक पत्थर पर सैक्सोफ़ोन (1999), ध्यान-यात्री (2001), अब स्टालिन चुप है (2009) | |
विविध | |
आधुनिक पंजाबी कविता की तीसरी पीढ़ी के कवि थे। उनका लेखकीय नाम देवनीत प्रसिद्ध हुआ और वे साहित्यिक हलकों में इसी नाम से जाने गए । समकालीन पंजाबी कविता के परिदृश्य में उन्हें पंजाबी का बड़ा कवि और महत्वपूर्ण कवि माना जाता है । वे ज़मीन से जुड़े आम जनता के कवि थे । वे मार्क्सवादी विचारधारा के बहुत क़रीब थे और एक समतावादी समाज के पक्षधर थे । उनके कुल चार कविता-संग्रह प्रकाशित हुए । पंजाबी कवि गुरप्रीत ने 2013 में उनके जीवन व कविता पर केन्द्रित एक पुस्तक का सम्पादन किया, जिसका शीर्षक था -- ਦੋ ਕੱਪ ਚਾਹ (दो कप चाय) । वे पंजाबी साहित्य व धर्म-दर्शन के विशेषज्ञ थे । 2009 तक वे विश्वविद्यालय में पंजाबी साहित्य का प्राध्यापन करते रहे । 2013 में कैंसर से उनकी मृत्यु हो गई । उनकी स्मृति में पंजाबी कविता के क्षेत्र में ’देवनीत स्मृति पुरस्कार’ दिया जाता है । | |
जीवन परिचय | |
देवनीत / परिचय |
कुछ प्रतिनिधि रचनाएँ
रुस्तम सिंह द्वारा अनूदित कविताएँ
- फैमिली फ़ोटो / देवनीत / रुस्तम सिंह
- बीज, जो अभी अंकुरित होना है / देवनीत / रुस्तम सिंह
- जामुनी साड़ी / देवनीत / रुस्तम सिंह
- रानी / देवनीत / रुस्तम सिंह
- छोटा कुम्हार बड़ा कुम्हार / देवनीत / रुस्तम सिंह
- यात्री ध्यान दें / देवनीत / रुस्तम सिंह
- मेरे घर के मुख्य द्वार के पास / देवनीत / रुस्तम सिंह
- मेरी बुकिंग विण्डो / देवनीत / रुस्तम सिंह
- पार्क में मार्क्स / देवनीत / रुस्तम सिंह
- मेरे पास वाली सवारी / देवनीत / रुस्तम सिंह
- दिन में दिन रात को रात / देवनीत / रुस्तम सिंह
- लड़की क्या जाने / देवनीत / रुस्तम सिंह