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सेंटीमेंटल ब्लैकमेलिंग / मनोज भावुक
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केतना नाजुक होला
भावुकता के क्षण।
आदमी उगिल देला सब
लइका लेखा।
कवनो कसाई मन
ओमे से
उचिला लेला अपना मतलब के बात।
साइत एही के कहल जाला
सेंटीमेंटल ब्लैकमेलिंग।