भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
बेटी के पिता / रुचि बहुगुणा उनियाल
Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 20:23, 27 अप्रैल 2023 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रुचि बहुगुणा उनियाल |अनुवादक= |सं...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
(एक)
जिनके पास था
बेटियों का प्यार
उन पिताओं ने
प्रेम कविताओं से भी
अच्छा प्रेम लिखा ।
(दो)
जिन पिताओं ने
विदा की बेटियाँ ब्याह के
उन्होंने विरह को किया
जीवंत अपनी कविताओं में।
(तीन)
बेटियों का ख़याल रखते हुए
दुनिया के पिताओं ने
जीया अपने अंदर
एक माँ की ममता को।
(चार)
बेटियों के पिताओं ने
कविता का समीकरण
और कविता का व्याकरण
न समझते हुए भी
लिखीं दुनिया की
सबसे अच्छी कविताएँ।