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सुख / बैर्तोल्त ब्रेष्त / मोहन थपलियाल
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सुबह
खिड़की से
बाहर का नज़ारा
फिर से
मिली हुई
पुरानी किताब
उल्लसित चेहरे
बर्फ,
मौसमों की आवा-जाही
अख़बार
कुत्ता
डायलेक्टिक्स
नहाना,
तैरना
पुराना संगीत
आरामदेह जूते
जज़्ब करना
नया संगीत
लेखन,
बागवानी
मुसाफ़िरी
गाना
मिलजुल कर रहना ।
(1953-56)
मूल जर्मन भाषा से अनुवाद : मोहन थपलियाल