भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
चाँद बड़ा है / रणजीत
Kavita Kosh से
सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 00:44, 1 जुलाई 2023 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रणजीत |अनुवादक= |संग्रह=कविता-समग...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
ज्ञानों का विज्ञानों का सब सार यही है
शोधन का अन्वेषण का विस्तार यही है
कि धरती से भी, सूरज से भी चाँद बड़ा है!
चाँद बड़ा है
किन्तु नहीं इसलिए
कि उसकी परिधि का विस्तार ज्यादा है
न इसलिए ही
कि उसकी प्रति ईकाई आयतन में भार ज्यादा है
बल्कि केवल इसलिए
कि चाँद है वह
और चाँद होना ही स्वयं बड़ा होना है!