भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
भाभी आई / जियाउर रहमान जाफरी
Kavita Kosh से
सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 00:48, 1 अगस्त 2023 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=जियाउर रहमान जाफरी |अनुवादक= |संग...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
चंदा ने जब शादी रचाई
दुल्हन बनकर चांदनी आई
हुए बराती तारे सारे
आसमान के प्यारे-प्यारे
बादल ने किया ढोल बजाया
लिए रोशनी सूरज आया
बारातों में पहले आकर
चमकी बिजली खुशी मनाकर
गीत गई कोयल ने गाये
मोर ने अपने नाच दिखाए
बारिश बर्फ़ में ढल कर पहुंची
कपड़े नये बदलकर पहुंची
चांद को दी फिर सबने बधाई
चांदनी जैसी भाभी आई