भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
तूफ़ान / मरीया पॉलइकोव्स्की-यास्नोझेव्स्का / अनिल जनविजय
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 13:24, 18 सितम्बर 2023 का अवतरण
आकाश
भयानक गुस्से में है
काले बादलों का
जमघट लगा है ।
गड़गड़ा रही है
सौदामनी बिजुरी ।
वृक्ष प्रसन्न हैं कि उन्हें
हल्ला-गुल्ला करने का
मौक़ा मिला है !
रूसी भाषा से अनुवाद : अनिल जनविजय
लीजिए, अब इसी कविता का रूसी भाषा में अनुवाद पढ़िए
Мария Павликовская-Ясножевская
Ураган
Небо в черном гневе.
Толпы туч.
Рокот.
Счастливы деревья!
Вышуметься могут!
Перевод с польского : Анна Ахматова