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धर्वेन्द्र सिंह बेदार
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धर्वेन्द्र सिंह बेदार
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धर्वेन्द्र सिंह बेदार / परिचय |
कुछ प्रतिनिधि रचनाएँ
- यहांँ क्यों लोग इस सच्चाई से अनजान होते हैं / धर्वेन्द्र सिंह बेदार
- मुझे हर वक़्त आँखों में नमी महसूस होती है / धर्वेन्द्र सिंह बेदार
- कभी छलका नहीं था एक कतरा आब आंँखों से/ धर्वेन्द्र सिंह बेदार
- ख़ूब बातें कर चुके हिंदुत्व और इस्लाम की / धर्वेन्द्र सिंह बेदार
- क्या हुआ जो पर हमारे फंँस गए हैं जाल में / धर्वेन्द्र सिंह बेदार
- नफ़रतों का काम ही था तोड़ना तोड़ा हमें / धर्वेन्द्र सिंह बेदार
- आज फिर इक बार ग़म घर कर गया दिल शाद में / धर्वेन्द्र सिंह बेदार
- कितनी हसीं ये शाम है इस शाम की बातें करें / धर्वेन्द्र सिंह बेदार
- कि बेदार होने की ज़रूरत नहीं पड़ती / धर्वेन्द्र सिंह बेदार
- ज़मीं पर गिरा टूटकर आसमांँ से / धर्वेन्द्र सिंह बेदार
- हज़ारों कीजिएगा आप कारोबार दुनिया में / धर्वेन्द्र सिंह बेदार
- सियासी शख़्स पर ज़्यादा यकीं अच्छा नहीं होता / धर्वेन्द्र सिंह बेदार
- आदमी को आदमी से प्यार होता / धर्वेन्द्र सिंह बेदार
- मौत आनी थी हमें वो आ गई / धर्वेन्द्र सिंह बेदार
- वो हमको ख़त्म करना चाहते हैं मान के दुश्मन / धर्वेन्द्र सिंह बेदार
- हमें अपने बयानों पर भरोसा है / धर्वेन्द्र सिंह बेदार
- ज़िंदगी ने रोज़ मारा है मुझे / धर्वेन्द्र सिंह बेदार
- हम ख़फ़ा हैं बेवफ़ाई के तेरे इल्ज़ाम से / धर्वेन्द्र सिंह बेदार
- हर गियर रफ़्तार का यारो बदलते जाइए / धर्वेन्द्र सिंह बेदार
- आदमी को आदमी से प्यार होना चाहिए / धर्वेन्द्र सिंह बेदार