भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
आँँसू नहीं निचोड़ो छोड़ो यार / अशोक अंजुम
Kavita Kosh से
सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 23:35, 9 मार्च 2025 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अशोक अंजुम |अनुवादक= |संग्रह=अशोक...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
आँँसू नहीं निचोड़ो छोड़ो यार !
अगर नहीं मन, छोड़ो यार !
ऊसर हो, तो हो जाए
दिल की ज़मीं न गोड़ो यार !
पीकर भांग मजहबों की
आपस में सर फोड़ो यार !
फूल खिले हैं बगिया में
जाओ छुपकर तोड़ो यार !
बापू खड़े हैं रस्ते में
जल्दी गाड़ी मोड़ो यार !
बम फटने को आतुर है
चलो कनेक्शन जोड़ो यार !