भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
गीत मेरे प्रेम के / संतोष श्रीवास्तव
Kavita Kosh से
सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 22:01, 30 मार्च 2025 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=संतोष श्रीवास्तव |अनुवादक= |संग्र...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
ये कल्पना में रंग इंद्रधनुषी
कैसी करवट बदलती तनहाई
रौनकें दे रही हैं द्वार पर फेरे
छलक उठे हैं शरबती झरने
लरजती आती है
संदली हवा मुझ तक
ये स्वर कहाँ से ,कैसे हैं
कौन है
किस ठौर से जो गा रहा है
गीत मेरे प्रेम के