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कविताओं को दोहराता / देवेश पथ सारिया
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तुम्हारे लिए लिखी
कविताओं को दोहराता
मैं करता रहूंगा तुमसे प्रेम
जैसे कोई करता है
रूठ कर चली गयी
अपने बच्चों की माँ से।