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जिसको चाहा उसी के साथ रहे / जहीर कुरैशी
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जिसको चाहा उसी के साथ रहे
नाव बन कर नदी के साथ रहे
है निरापद न ज़िन्दगी कोई
हादसे हर किसी के साथ रहे
आगे बढ़ने के कुछ निजी नुस्ख़े
हर सफल आदमी के साथ रहे
एक पत्नी सजी रही घर में
वो उधर प्रेयसी के साथ रहे
जो कमल कीच से दिखे ऊपर
मूलत: गन्दगी के साथ रहे
मोह-माया लगी रही जब तक
साँप भी केंचुली के साथ रहे
खुद से मिल कर भी मिल नहीं पाए
हम किसी अजनबी के साथ रहे.