भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

परंतप / तेज राम शर्मा

Kavita Kosh से
प्रकाश बादल (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 13:30, 4 फ़रवरी 2009 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=तेज राम शर्मा |संग्रह=बंदनवार / तेज राम शर्मा}} [[Cate...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

संयोग से मेरे ड्राईवर का नाम ईश्वर है
क्या कहूँ मैं उससे?
मेरे शहरे के लोग
सूर्य-उदय से पहले ही
युद्ध की घोषणा कर चुके हैं
उनका शंखनाद
अंतरिक्ष को भयभीत कर रहा है
देर रात तक
उनके घर की दीवारें काँपती रहती हैं
कहाँ ले जाए वह मेरे वाहन को ?
इस अकेलेपन की भीड़ में
कहाँ हैं मेरे सगे संबन्धी?
किसके विरुद्ध खड़ा हूँ मैं ?

‘यानि कावि च पापानी’
कौन रख रहा है इन पापों का लेखा-जोखा ?
बार-बार क्यों खड़ा किया जाता है मुझे
अक्षौहिणी सेना के विरुद्ध

अख़बारों से निरंतर चूती रहती रक्त की बूँदें
बड़वानल छू जाता है
धरती का ओर-छोर
आकाश-सा धनुष तान कर
कहो किस लक्ष्य पर छोड़ दूँ
शब्द भेदी बाण?
कौन से भविष्य को कर दूँ धराशायी
जीवन और मरण
 के बीच के
घोर अँधकार में

कौन सी दुर्बलता और कौन से विषाद को
छोड़ दूँ मैं

संयोग से मेरे ड्राईवर क नाम ईश्वर है
क्या कहूँ मैं उससे ?