भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
कत'आ / ब्रजेन्द्र 'सागर'
Kavita Kosh से
Shrddha (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 14:03, 10 मई 2009 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार= ब्रजेन्द्र 'सागर' }} Category: कत'आ <poem> इससे बढ़कर मलाल...)
इससे बढ़कर मलाल शायरी में क्या होगा
लिखता हूँ जिसके लिए उसको गुमान ही नहीं
समझे मुझे सारा जहाँ तो भी क्या हुआ
गर जज़्बा मेरा जिसके लिए उस पर अयान ही नहीं